caneup : गन्ने के बीच में फसल लगाकर किसानो ने 2023-24 में लाखो रूपये ज्यादा कमाए जानिए कैसे ?

caneup गन्ने की फसल के साथ साथ उत्तर प्रदेश के किसान लाखो रुपए ज्यादा कमा रहे है गन्ने के साथ अन्य फसल लगा कर और गन्ने की फसल पर भी कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता । और उत्तर प्रदेश गन्ना विभाग सहफसली फसल बोने पर कीआसनो को 9,000 हजार रूपये का अनुदान दे रही है ताकि किसान गन्ने के साथ साथ तिलहन और दिलहन फसल बोये जिससे प्रदेश के किसानो में खुशहाली आये इसलिए 85 लाख रुपए सरकार ने 2023 24 के लिए जारी किये है साथ साथ 912 गांव में गन्ना प्रदर्सनी लगायी जा रही ताकि गन्ना किसान को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाये । गन्ने के साथ किसान सहफसल के रूप में सरसो , प्याज गेहू , आलू , तरबूज़ , ख़रबूज़ा , ककड़ी , मक्का , दाल , टमाटर आदि खेती कर रहे है किसान । caneup

गन्ने के साथ अन्य फसल बोने से किसान को क्या फायदा मिलेगा ? caneup

आय में बृद्धि : किसान गन्ने के साथ अन्य फसल उगाकर अधिक आय कमा सकता है । गन्ने के साथ अन्य फसल खेती में नए अवसर प्रदान करती है एक फसल ख़राब होने पर दूसरी फसल के जरिये किसान अपनी आये में बृद्धि कर सकता है । caneup

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मिश्रित फसल के लाभ : गन्ने के साथ अन्य फसल बोने पर खेत की मिटटी में पैदावार बढ़ती है । सहफसल बोने से दोनों फसल अच्छी हो जाती है क्योंकि हर फसल कुछ न कुछ पोषक तत्व होते है जिससे मिटटी में जो कमी होती है वो दूर हो जाती है और दोनों फसल अच्छी तरह ज्यादा पैदा देती है । गन्ने के साथ सहफसल बीने से किसान की आय में 30 से 40 % की बृद्धि देखने को मिली है caneup

प्राकर्तिक संरक्षण: गन्ने के साथ अन्य फसल बोने पर प्राकर्तिक संरक्षण में सुधार हो सकता है । इसमें जल मिटटी और ऊर्जा का उपयोग सही तरीके से होता है जिससे प्राकर्तिक को बहुत ज्यादा फायदा होता है हमारे वातावरण को काम नुकसान होता है क्योंकि खेत को बार बार जोतना नहीं पढता .

जल का बचाव : सहफसल बोने से जल का बहुत ज्यादा बचाव होता है और किसान दोनों फसल के हिसाब से फसल की सिंचाई करता है क्योंकि गन्ने में किसान ज्यादा से ज्यादा पानी का उपयोग करते है और सहफसल में दूसरी फसल के हिसाब से सिंचाई करनी पढ़ती है ।

प्रबंधन : गन्ने के साथ साथ अन्य फसल बोने से फसल पर किसान ज्यादा से ज्यादा ध्यान देता है जिससे दोनों फसलों को फायदा मिलता है एक फसल में खाद डालो तो फायदा दोनों फसल को होता है और जब गन्ने के साथ वाली पहली फसल कट जाती है तब उसकी मिटी गन्ने के जड़ो पर लग जाती है जिससे गन्ने की फसल में बृद्धि हो जाती है ।

रोग और खरपतवार से बचाव : सहफसल बोने से फसल में रोग कम लगतेहै क्योंकि हर एक फसल कोई न कोई केमिकल छोड़ती है जिससे दूसरी फसल की बीमारी दूर हो जाती है जैसे गन्ने के साथ सरसो बोने से किसान को यूरिया और अन्य खाद डालने की जरौट नहीं पढ़ती क्योंकि सरको का पौधा नाइट्रोजन हवा से लेता है जिससे दोनों फसलों को ज्यादा फायदा होता है । caneup

 

गन्ने के साथ सहफसल कैसे बोये ? caneup

गन्ने के साथ सहफसल बोना बहुत ज्यादा आसान हो गया क्योंकि क्योंकि अब गन्ना अक्टूबर से नवंबर और फ़रबरी से अप्रैल तक बोया जाता है । अक्टूबर माह में गन्ने के साथ सहफसल के रूप में सरसो, गेहू और आलू को बोया जाता है । सबसे पहले हम आलू के साथ गन्ना बोने की तकनीक बताने वाले है सबसे पहले खेत को अच्छी तरीके के जोत दे और आलू बो दे बाद में जब आलू जम आये तब बीच वाली नाली में गन्ने डाल दे एक महीने में गन्ने अच्छी तरीके से उग आएंगे पानी और खात समय के साथ लगाए फ़रबरी में जब आलू को खोदा जाये तब आलू के ऊपर की मिटटी को गन्ने के ऊपर लगा दो जिससे गन्ने की पैदावार ज्यादा बढ़ जाएगी क्योंकि गन्ने की जड़ में मट्टी डालने से ईख ज्यादा फूटती है और ज्यादा कल्लिया बनती है ।  caneup

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गेहू , मक्का , और प्याज़ के साथ भी गन्ने को आसानी से बोया जा सकता है जिससे दोनों फसलों में ज्यादा से ज्यादा पैदावार देखने को मिलेगी दिलहन और तिलहन की फसल 3 या 4 महीने की होती है और गन्ने की फसल पुरे एक साल की होती किसानो को गन्ने के साथ साथ सहफसल करते हुए देखा जा रहा । एक फसल काटने के बाद खेत को मशीन या फिर हल से जोत दे जिससे खेत में उगी खास ख़तम हो जाये किसानो को सहफसल से 30 से 40% ज्यादा फायदा हो रहा है उत्तर प्रदेश के किसान महंगाई को देखते हुए सहफसल अपना रहे है । caneup

 

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